Categories: शेर-ओ-शायरी
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निर्झर झरता गीत
यह गीत धरा का धैर्य गर्व है, नील–गगन का यह गीत झरा निर्झर-सा मेरे; प्यासे मन का …. यह गीत सु—वासित् : चंदन–वन…
मेरी लाडली री बनी
मेरी लाडली री बनी है तारों की तू रानी नील गगन पर बादल डोले, डोले हर इक तारा चांद के अंदर बढ़िया डोले ठुमक-ठुमक दर-द्वारा…
मां ये देखो कैसा चांद निकल आया है
मां ये देखो कैसा चांद निकल आया ग्रह के गर्भ में लिपटा हैं बादलों में छुप छुप कर बैठा हैं डरा सहमा सा यह दिखता…
इस सड़क पर लिखी कहानी है
राग कहाँ रागिनी कहाँ मेरी इस सड़क पर लिखी कहानी है, दो घड़ी आप भी खड़े होकर देख लो क्या है मेरी कहानी है। लोहड़ी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
सुन्दर
धन्यवाद
wah
Dhanyvad
बहुत खूब
Shukria