” चाँद का मायूस चेहरा”
कल मैंने अपनी प्रेमिका के उतर दिल में ,
चाहत का ज़खीरा देखा …..
अपने जिल्ले – सुभानी के इंतजार में ,
उस चाँद का मायूस चेहरा देखा ..
स्वागत में उसने आब संग बिछा दी पलकें ,
मैंने हर इक आब पर नाम , मेरा देखा …
पंकजोम ” प्रेम ”
nice one
Apke cmnt ne orr nikhaar laa diya. .anjali ji
Nice yaar 🙂
Sukkriyaaa pnna bhaubhai
waaaaah !!
Dhnyawad ji..
अनुपम…
Sukkriya bhai
kya baat hai..! bohot khoob..! 🙂
Tnxxxx komal gi
nice poem pankaj!
Suukriyaa… ji
वाह वाह
बहुत सुंदर भाव