चालबाजी
तेरी चालबाजी सब जानता हूँ मैं
न जाने फिर भी क्यों इतना तुझे मानता हूँ मैं।
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दिल बहुत बार दुखाया तूने पर
तुझे देख कर यही एहसास होता है
कि सदियों से तुझे जानता हूँ मैं।
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - July 31, 2020, 7:17 am
सुन्दर
Abhishek kumar - July 31, 2020, 8:32 am
थैंक्स
मोहन सिंह मानुष - July 31, 2020, 7:56 am
बहुत ही उम्दा
Abhishek kumar - July 31, 2020, 8:33 am
धन्यवाद
Master sahab - July 31, 2020, 9:19 am
डबल मीनिंग की कविता लिखकर आप यथार्थ का चित्रण कर रहे हैं
Abhishek kumar - July 31, 2020, 10:12 am
👏👏🙏🙏
Geeta kumari - July 31, 2020, 10:27 am
यथार्थ चित्रण
Abhishek kumar - July 31, 2020, 8:17 pm
धन्यवाद आपका
Suman Kumari - July 31, 2020, 3:17 pm
सुन्दर
Abhishek kumar - July 31, 2020, 8:17 pm
थैंक्स
प्रतिमा चौधरी - September 26, 2020, 1:37 pm
सुंदर पंक्तियां