Categories: हिन्दी-उर्दू कविता

Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
Related Articles
‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’
हिमाचल के इस मंदिरों के ज़रूर करें दर्शन, मिलेगा सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव हिमाचल की खूबसूरती को तो सभी…
दरारे ही दरारे
दरारे ही दरारे है आज रिश्तों जे दरम्यान कहीं आँसू है तो कहीं नफरत की दास्तान
कुंभ
कुंभ कुंभ ये है. कुंभ कुंभ कुंभ. कुंभ कुंभ कुंभ. कुंभ कुंभ कुंभ . कुंम्म्मभ। संगम तट पर प्रयागराज में, ये है कुंभ कुंभ कुंभ.…
इंतज़ार
सूरज भी ढल गया आँचल में , उठ गया घूंघट भी चाँद का कब आओगी ए जाने जिगर , टूट रहा है सब्र इन्तजार का…
दरारें दिल की
“दरारें दिल की” ******** दरारें दो दिलोंकी दिख न जायें, दुनिया वालों को। प्यार से पाट लो, कहीं प्यार न बदनाम हो जाए ।
ख्वाहिशों में हरतरफ दौड़ती दरारें हैं .. Beautiful ..Subhan Allah.
Waah