Categories: Other
Related Articles
मा जानकी आरती
जय दुखहरनी जय कल्याणी सीता मईया सब सुख देती जय दुखहरनी जय कल्याणी सीता मईया सब सुख देती ——————————– जय दुखहरनी जय कल्याणी सीता मईया…
मैं तुम्हारी भार्या हूँ…**
भार्या ********** मैं तुम्हारी भार्या हूँ संगिनी पथ की रहूंगी कष्ट ना होगा तुम्हें सारे दुःख मैं खुद सहूंगी बोलता है मन ये मेरा तुम…
अहंकार
प्रजापति दक्ष हो या हिरना कश्यप सा राजा विद्वान रावण हो या हो कौरव वंश का कुनबा इनके हनन का भी अहंकार ही बना संघारक…
चौपाई
कामधेनु आनन्दी माता। सुरभि कन्या जग विख्याता।।५।।
चैन गंवा कर खूब कमाया (चौपाई छन्द)
खुद खुश रहना औऱ सभी को खुश रखना हो जीवन का पथ, याद रखो नश्वर है जीवन मिट जाना है बस इसका सच। तेरा-मेरा मेरा-तेरा…
👏
👌👌
वाह