Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: हिन्दी शायरी
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
Related Articles
क्या लिखूँ ?
दिन–रात लिखूँ हर बात लिखूँ दिल के राज़ लिखूँ मन के साज़ लिखूँ। अपने वो दिन बेनाम लिखूँ लेकिन नहीं हुआ बदनाम लिखूँ कितना…
क्या लिखूँ…!!
आज सोंचती हूँ क्या लिखूं दर्द लिखूं या मोहब्बत का उन्माद लिखूं चैन लिखूं या बेचैनी लिखूं तेरे इश्क में फना होने का अफसाना लिखूं…
तुम पर एक ग़ज़ल लिखूं
तुम्हें गुलाब लिखूं या फिर कंवल लिखूं। जी चाहता है तुझ पर एक ग़ज़ल लिखूं। गुल लिखूं, गुलफ़ाम या लिखूं गुलिस्तां, या फिर तुम्हें महकता…
माँ तेरे प्यार को कैसे लिखूँ
माँ तेरे प्यार को कैसे लिखूँ, प्यारे से दुलार को कैसे लिखूँ, सुबह का जगाना और रात लोरी सुनना पल पल पूछे खाना खाले जो…
एक नात लिखूँ
मैं दिल की जज़्बात लिखूँ। चाहता हूँ एक नात लिखूँ।। मंदिर और मस्जिद में ढूँढ़ा ढूँढ़ा काबा -काशी में। गंगा और यमुना में ढूँढा ढूँढा…
Wah…. kya baat he… bahut khoob!
Good
Waah waah