ज़िन्दगी की रीत

अपनों का साथ मिले तो,
हार में भी जीत है।
अपनों का साथ हो तो,
हर दिवस ख़ुशी का गीत है।
है निशा का अन्धकार तो,
एक दीपक साथ निभाएगा ।
तिमिर से अब भय कैसा है,
दीपक का प्रकाश जगमगाएगा ।
“गीता ” कहती है, कर्म करो,
मत चिंता फल की किया करो ।
फल देना तो ईश का काम है,
यही ज़िन्दगी की रीत है ।
अपनों का साथ हो तो,
हर दिवस ख़ुशी का गीत है..

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Responses

  1. अपनों का साथ हो तो,
    वाह वाह—
    अपनों का साथ हो तो, जीत ही जीत है।
    बहुत खूब, बहुत सुंदर, लेखनी को सलाम

    1. आज तो धन्यवाद शब्द छोटा पद रहा है सर…कवि शिरोमणि की इतनी सुंदर समीक्षा। बहुत बहुत आभार 🙏🙏

  2. कई मिले तो शहर बस गया,
    उड़े परिंदे तो सुबह हो गया|
    नित दिन संदेशा लाते,
    उठो उठो अब सुबह हो गया|

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