जीवन सत्य
सूरज ने जलन की धूप से जलाया धरा को
तो बादलों ने प्रेम वर्षा कर आ कर पुचकारा
जब वृक्षों से छीन लिया पतझड़ ने शृंगार
तो बहारों के पुष्पों ने आकर दुलारा
जब दुख और दर्द से बड़ी थी बेचैनी
तो सुख में भी आकर चैन से सुलाया
जब सवेरी ने छीना रात का रैन बसेरा
तो शाम ने फिर से पल्ला पसारा
जब नदियों को कम पड़ी धरती की गोद
तो सागर ने अपनी गोद में उठाया
जब पर्वत ने ऊंची की घमंड में निगाहें
तो घाटियों ने उनको भी नीचा दिखाया
एक सत्य तो यही है जीवन की गाथा का
जब मानव ने भुलाया तो प्रकृति ने समझाया
Nice
धन्यवाद पंडित जी
Nice one
Thankyou🌺🌺🌺🌺
Nice
Thankyou💐💐
Nyc
Thanks
Nice
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