Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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सुण वे महिया, सुणंदा जा वे, की केंदा है तेनु मेरा ए छल्ला । दिलां विच ही ना रै जावे, थोड़ी तू वी सुण जा…
झुकना ही तो नम्रता है
झुकना ही तो नम्रता है अकड़ा वो तो मुर्दा है …… यूई
झुकना है दरबार में जाके
झुकना है दरबार में जाके फिर क्यों इतनी हांके तू उसको जो पसंद है बंदिया उसको क्यों ना जाने तू …… यूई
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
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