Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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क्या खराबी है कि मियां शराबी है
क्या खराबी है कि मियां शराबी है । शराबी की बीबी हूँ इसमें भी नवाबी है।। रोज पकौरे और सलाद दिखते घर में हो आबाद…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मैं, मैं न रहूँ !
खुशहाल रहे हर कोई कर सकें तुम्हारा बन्दन। महक उठे घर आँगन, हे नववर्ष! तुम्हारा अभिनन्दन।। दमक उठे जीवन जिससे वो मैं मलयज, गंधसार बनूँ…
“नाम” में प्रभू के हम, मस्त हो के जी रहे ……! (गीत)
नाम साधना के अभ्यास के दौरान उभरा हुआ यह गीत प्रस्तुत करने बहुत ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ ..! “नाम” में प्रभू के हम, मस्त …
Sunder
Good
Nice
वाह
Nice