तेरा सजदा – 110

तेरा सजदा – 110

         

कोई तेरी जटिल राह् को अटल इरादों से पार कर जाता है

कोई तेरी जटिल राह् में कुछ कदमों में ही बहक जाता है  

                                                       

                                           …… यूई

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

हे अटल! अटल रहो

अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर विशेष प्रस्तुति:- ********************************************* हे अटल ! अटल रहो यूँ ही हृदय में बसे रहो दिव्य ज्योति बनकर सदा…

अटल-जयंती

क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो मिला यह भी सही वह भी सही, वरदान नहीं मांगूंगा, हो…

Responses

New Report

Close