Categories: शेर-ओ-शायरी
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UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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आखिर मैं भी तो जग का हिस्सा हूं
कोई मेरी व्यथा क्यों समझता नहीं, मैं भी प्यासा हूं,मेरे लिए कोई पानी रखता नहीं। बढ़ रही उमस इतनी,और धूप कितनी तेज है, पानी के…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
तेरा सजदा – 18
तेरा सजदा – 18 कोई तुझे बस ख़ुद में जपता कोई तुझे हर शय में जपता ….. यूई
तेरा सजदा – 26
तेरा सजदा – 26 कोई तुझे सूख में ही जपता कोई तुझे बस दुःख में जपता ….. यूई
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