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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तेरा सजदा – 34
तेरा सजदा – 34 कोई अकेले में बैठ तुझे धियाता कोई भीड़ में नाच तुझे धियाता ….. यूई
तेरा सजदा – 52
तेरा सजदा – 52 कोई अपने धन के लिए तुझे धियाता कोई दूसरो के दर्दों के लिए तुझे धियाता ….. यूई
तेरा सजदा – 31
तेरा सजदा – 31 कोई ख़ुद को धागे बाँध कर धियाता कोई तुझको धागों में बाँध धियाता ….. यूई
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