Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: शायरी

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
Related Articles
ए ज़िन्दगी ……
ए ज़िन्दगी कैसे शिकायत करूँ तुझसे खुदा की बंदगी पाई तुझसे बस तुझमें सिमटा रह्ता हूँ हर पल तेरे ही संग रहता हूँ …
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तुम शायद जान नहीं पाए
*एक अंश तुम्हारा मुझमें है, तुम शायद जान नही पाए। हर पल मैं तुममे दिखता हूँ, तुम शायद मान नहीं पाए।।* अब कैसे मैं तुमको…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
सिमटा हूँ ख़ुद में
मैं खामोश हूँ खामोश ही रह्ने दो सिमटा हूँ ख़ुद में सिमटा ही रह्ने दो ….. यूई
Responses