Categories: शेर-ओ-शायरी
Tagged: #shayri

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपने ग़रूर से
तौबा मेरी तौबा अपने ग़रूर से अब मेरी तौबा ……. यूई
गरूर
कितना गरूर था डगर को अपने लम्बे होने पर लेकिन एक गरीब के हौसले ने उसे कदमों में नाप दिया ।
इबादत
खुद पर न कर गरूर इतना खुदा भी नाराज़ हो जाएगा इबादत है इश्क़ तो रब की की जो इबादत तो रब भी…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
behatreen sir!