Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
तेरे इश्क मे….
तेरे इश्क मे…….तेरे इश्क मे , तेरे इश्क मे बेबस हुए तेरे इश्क मे बेखुद हुए तेरे इश्क मे बेहद हुए दीवाने हम ! तेरे…
यह इश्क़ है।
चंचल , अल्हड़ , बेपरवाह , बेफिक्र , यह इश्क़ है। प्रीतम क़े जाने पर जो प्रेयसी को कर दे बाबरा , यह इश्क़ है।…
हम बेताब बैठे है
हम बेताब बैठे है इश्क़ करने को कोई बेइश्क हो, तो बता देना हम भी तो देखें इश्क़ क्या है और इसका अपना क्या मजा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
लाजवाब
बहुत बहुत धन्यवाद सर
Nice
Thank you sir
Nice poem
Thank you
मरहबा
🙏
अद्भुत
धन्यवाद