तो कहना !!!
कभी गौर से देखना खुद को आईने में, खुद ही खुद में ना खो जाओ तो कहना,,
कभी पासजाकर देखना गुलाब के, खुशबुसे खुद ही ना बिखर जाए तो कहना,,
बहुत नाज़ कर रही हैं लहरे आज कल खुद के इठलाव, बलखाव, झुमाव पर,
आपकीजुल्फों के लहराव तले,लहरे खुद ही खुद में ना डूब जाए तो कहना !!!
चाँदबड़ा पागल हैं, कहीं और से रोशनी पाकर बहुत ही ज्यादा इतराता हैं,
देख ले तुम्हे ज़रा सा एक बार,पसीने में लथपथ ना हो जाए तो कहना !!!
बहुत गुरुर करती हैं किताबे अपने, अनगिनत, स्थायी, माधुर्य शब्दों पर प्रतिदिन,
वर्षो तक आप पर लिखते रहने पर भी उसकेशब्दकमनापड़ जाए तो कहना !!
अप्रतिम दोस्त
Shukriya dost
kya kahana…bahut ache alfaaz!
Shukriya dost
चाँदबड़ा पागल हैं, कहीं और से रोशनी पाकर बहुत ही ज्यादा इतराता हैं,
देख ले तुम्हे ज़रा सा एक बार,पसीने में लथपथ ना हो जाए तो कहना !!!…..
what a view for unconventional beauty…पसीने में लथपथ !
Aankhe nam ho gyi… Aapka ye comment padh Kr…
Shukriya mohtarma…
behatreen shabd
Shukriya dost
Good
वाह बहुत सुंदर
बहुत खूब