दर्द ए अश्क

तेरा  ज़िक्र  तो  हर  जगह  होता  है
दर्द ए अश्क आंखों में जो भरा होता है

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला

रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला। यादें वक़्त पल तस्वीरें बातें,अश्क़ मिला। , जिंदगी झूठ क्या वादें क्या क़समे इरादें। मौत सच तन्हाई सच आँखें,अश्क़ मिला।…

Responses

  1. ज्यादा फर्क नहीं है हमारी हालत में ,
    फर्क सिर्फ इतना है …
    तेरी आँखों में कोई और बसा है ,
    मेरे जिक्रो में कोई और बसा है ||

New Report

Close