दहाड़

ज्यों पले इक मां की गोद में,
नन्ही सी जान।
त्यों पले तू भारत की गोद में,
पाकिस्तान।

समुद्र है हिंदुस्तान मेरा,
लहरें हैं विशाल।
एक लहर भी क्रोधित हो तो,
तू हो जाए बेहाल।

तिनके को भी तरसेगा,
भूख से होकर व्याकुल।
दर दर तू भटकेगा ,
प्यास से होकर पागल।

ले छीन लिया वो हक हमने,
जो तुझे देके गलती की थी।
इस बूंद बूंद पानी की कीमत तूने ना पहचानी,
अब भूखा प्यासा फिरेगा तू,
हम हैं जिद्दी हिन्दुस्तानी।

बहुत हो गए वार तेरे,
अब बारी हिंदुस्तान की।
भूल जाएगा, सच में अपनी
तू पाकिस्तान,
पहचान भी।

शेरों का जंगल है ये ,
ओर खोफनाक दहाड़ है,
अरे तेरी क्या हैसियत है,
तू कुत्तों का सरदार है।।

✍️✍️ऊषा शोना

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