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ख्वाहिश
समझदार हो गर, तो फिर खुद ही समझो। बताने से समझे तो क्या फायदा है॥ जो हो ख़ैरियतमंद सच्चे हमारे, तो हालत हमारी ख़ुद ही…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
हम सुकून की तलाश में कितने दूर आ गए
हम सुकून की तलाश में सुकून से दूर आ गए हम चार पैसे कमाने माँ-बाप से अपने दूर आ गए जिम्मेदारियों का बोझा जो उठाया…
Maa
🌹*मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं*🌹 💕 माँ- दुःख में सुख का एहसास है, माँ – हरपल मेरे आस पास है। माँ- घर की आत्मा है,…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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धन्यवाद