Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
हम उस देश के वासी है ।।
हम भारत के वासी है, संस्कृति हमारी पहचान है । सारी जहां में फैली हुई, हमारी मान-सम्मान है । सादगी है हमारी सबसे निराली, अजब…
…….गुज़र जाएगा…..
( दुनियां ) एक सोच में डूबी हूँ क्या करूँ और किस काम को छोड़ दूं…. महाकाल , भयावह काल , कोरोना काल का यह…
गजल- सोचा न था |
गजल- सोचा न था | ठुकरा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था | दगा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
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धन्यवाद
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