Categories: शेर-ओ-शायरी

पंकजोम " प्रेम "
तराश लेता हूँ सामने वाले की फितरत ......
बस एक ही नज़र में .....
जब कलम लिख देती है , हाल - ए - दिल ....
तो कोई फ़र्क नहीं रहता .....
जिंदगी और इस सुख़न - वर में....
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Nice one pankaj
Sukkriyaa pnaa bhai….
bht khoob….
नहीं थे पैसे शराब के एक दिन ….तो यु किया…
डुबोई उसकी तस्वीर पानी में और घुट घुट पी गया!!
नशा ऐसा चढ़ा की , आज तक उतर ना सका …..
Nice broo..
nasha to bs wahi h……thank uuuu 🙂
good one
Tnquu sonia ji…
Nice
बहुत ही सुंदर