धर्म कर्म

सत्य राह पर चलो आहिस्ते आहिस्ते,
झूठ फरेब को खदेड़ो दौड़ा दौड़ा कर।
धर्म कर्म निती पर रखकर विश्वास,
हे मानव दिखलाओ कुछ अलग कर।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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