Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपनी अदा देखाकर हुश्न के बाजार में मेरा भाव लगाया तुमने।
अपनी अदा देखाकर हुश्न के बाजार में मेरा भाव लगाया तुमने। मिल गया कोई रईसजादा तो इस मुफलिस गरीब को ठुकराया तुमने।। मेरी मुफलिसी का…
एक दीप तेरे नाम की
आज जब मानव के बजूद पर बन आई है फिर भी जाति-धर्म की ये कैसी लङाई है गरीब देखे न अमीर ये वैश्विक महामारी है…
आज अवध में होली है और , मैं अशोका बन में
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में। रंग दो मोहे राजा राम , मैं बसी हूँ कन कन में।। आँखे रोकर पत्थर…
सुनते आए हैं…..
सुनते आए हैं – अपनों का पर्व है होली मेरे आंगन जली होलिका मैं ही पंडित, मैं ही पूजा मैं ही कुंकुम, अक्षत औ” रॊली;…
Good
Correct
Good
वाह