नसीहत
इस भीड़ अपार में,
सैकड़ों – हजार में,
ढूंढ पाना है मुश्किल हमसफर,
छिपा होता है दुश्मन यार में।
नहीं होता जहां में कोई अपना,
साथ छोड़ देते सभी मझधार में।
करते हैैं साथ निभाने का वादा,
पर दिल तोड़ते हैं एतबार में।
गर पूछे कोई, देगा यही नसीहत ‘देव’,
कभी दिल ना लगाना प्यार में।
देवेश साखरे ‘देव’
Nice
Thanks
Good
Thanks
Nice
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👌👌
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बहुत सुन्दर।
धन्यवाद
हैप्पी न्यू ईयर सर
Thank u & same to u