निकल जाते है उन रास्तों पर

निकल जाते है उन रास्तों पर
जिनकी कोई मंजिल नहीं
अंधेरे होते है जिन राहों में
मगर कोई अंजुमन नहीं
होते है कांटे, कंकड़
फूलों का बागान नहीं
बस इक साथी की तलाश होती है
जो हमारी तरह इन राहों पे निकला हो

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