“निगाह-ए-इश्क़” #2Liner-35 Ankit Bhadouria 8 years ago ღღ__अक्सर भीग उठती हैं “साहब”, पलकें तेरी नज़र-अन्दाज़ी से; . निगाह-ए-इश्क़ पे कोई फ़र्क, ज़माने का नहीं पड़ता !!………#अक्स