Categories: मुक्तक
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करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
इंसान कहने योग्य हैं
यदि किसी भूखे को हम दो कौर रोटी दे सकें तो तब कहीं सचमुच में हम इंसान कहने योग्य हैं। दर्द के आँसू किसी के…
आनंद नाद
खुश रहना हंसना तुम सीखो। दुखों से भी लड़ना तुम सीखो । तूफानों को झेलना सीखो। चट्टानों सा बनकर देखो । आकाश में उड़ते पंछी…
सफ़र:सीख से सफलता तक
हार को भी स्वीकार करना सीखो मुश्किलों में संकल्प लिए बढ़ना सीखो ज़िंदगी है कई इम्तिहानों से भरी इन इम्तिहानों को मुस्कुरा कर पार करना…
Nyc
Nice
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