पुनर्विवाह (Part -1)

पुनर्विवाह (Part -1)

अटूट विश्वास और समर्पण का ही दूसरा नाम है शादी, लेकिन नियति पर किसी का वश नहीं होता। कई बार बीच राह में ही हमसफर का साथ छूट जाता है। ऐसे हालात में उदास होने के बजाय हमें जिंदगी को नए सिरे से संवारने की कोशिश करनी चाहिए।
नमस्कार मै हूँ अनु मेहता एक नई कहानी के साथ फिर से हाज़िर हूँ
ये कहानी है खूबसूरत बादियो हिमाचल प्रदेश के (Baba Baroh) बाबा बारोह) से छोटे गांव जिला काँगड़ा से है…
ये कहानी एक बेहद ही Heart Touching Story तो इसे कृपया पूरा पढ़े और कैसी लगी ये कहानी जरुर बताये:-
एक लड़की जो बहुत ही खूबसूरत है, जितनी वह सुंदर है, उतनी ही ईमानदार है, न किसी से झूठ बोलना, न किसी से फालतू की बातें करना। बस अपने काम से काम रखती।
उसका नाम (Aarti Rajput) आरती राजपूत है आरती के दो भाई और एक बहन है दोनों भाइयों और बहनों में एक – दूसरे मे जान बसती है। आरती के सभी परिवार वाले आपस में प्यार से और मिल- जुल के रहते है।

पढ़ाई पूरी होते ही आरती के लिए लड़का ढूंढने की बाते शुरू हो गई। अभी वह लोग यह सोच ही रहे थे कि घर बैठे बिठाए आरती के लिए बहुत ही अच्छा रिश्ता आ गया।
कुछ दिनों के बाद लड़का आरती को देखने घर आया और लड़के को आरती और आरती को भी लड़का पसंद आ गया। फिर दोनों की सगाई हो गई। दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे और धीरे -2 एक दूसरे से प्यार करने लगे।
आरती भी मन ही मन उसको चाहने लगी। इसलिए वह भी शादी के लिए राजी हो गयी। और इस तरह धीरे धीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। दोनों परिवार वालों ने शादी की विशेष तैयारियाँ करना शुरू कर दी।

कुछ समय के बाद यानि 2006 दोनों की शादी हो गयी। नई नवेली दुल्हन (आरती) का स्वागत बहुत अच्छे से और रीति रिवाजों से गृह प्रवेश आदि हुआ।
आरती जो एक लड़की अब जो एक बहु, पत्नी बन अपने जीवन की नई शुरुआत करती है।
आरती बहू के रूप में अपने ससुराल पर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारी है, जैसे कि, सास ससुर की सेवा, पति की सेवा, घर की जिम्मेदारी, घर की हर गृह कार्य की जिम्मेदारी ये सभी उसके कर्तव्यों मे शामिल है, जिसमे से वह सुबह उठने से लेकर, घर के पूरे कार्य करने से लेकर, सास ससुर की सेवा बनाना, फिर वहां से बर्तन से लेकर शाम का खाना, फिर रात को सास ससुर का सेवा धर्म आदि बहुत अच्छे से निभाती है
और दोनों पति-पत्नी बहुत ख़ुशी -2 से रहने लगे। आरती घर के बूढ़े – बड़े की इज्जत और उनको मान सम्मान, अच्छे से बात करती। आरती ससुराल बाले भी बहुत खुश थे।
जैसे -2 समय बीतता गया दोनों पति पत्नी का प्यार भी गहरा होता गया। आरती के ससुराल बाले भी आरती से भी बहुत प्यार करते थे और आरती के ससुराल बाले आरती को बहु कम और बेटी ज्यादा मानने लगे।

आरती के घर गूंजी खुशियों की किलकारी जी हाँ, अपनी आरती माँ बनने वाली है 10 जुलाई 2008 आरती ने एक लड़के को जन्म दिया। छोटे से बच्चे(baby boy) का नाम आर्यन (Aryan) रखा। थोड़ी दुःख की बात ये थी आर्यन थोड़ा मानसिक तौर से ठीक नहीं था। आर्यन के माता -पिता यानि आरती और आरती के पति आर्यन से बहुत प्यार करते थे।
दिसंबर 2015 में आरती फिर से माँ बनने वाली थी जब ये बात उनके घर पे पता लगी उनके घर में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। आरती के पति आरती की बहुत देखभाल
करते थे।

20 Nov 2016 को आरती ने एक नन्ही सी परी को जन्म दिया। राहत की बात ये है कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। नन्ही सी परी का नाम मुस्कान रखा। मुस्कान पूर्ण रूप से स्वस्थ और बहुत खूबसूरत है। आरती और आरती के पति नन्ही सी परी को पाकर की चैन की राहत ली। आरती के दोनों बच्चे बहुत खूबसूरत है। दोनों पति पत्नी अपने बच्चे से बहुत प्यार करते थे। हम दो हमारे दो “फैमिली कम्प्लीट” हो गई।
वे दोनों खुशी-2 से अपना जीवन बिताने लगे। कुछ समय के बाद उनका जीवन फिर से सामान्य और सुखी बीतने लगा।
पता नहीं ???????????????
हंसते – खेलते परिवार को किस की बुरी नजर लग गई😭😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢

To be continued……….
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