Categories: मुक्तक
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
सुन्दर सुन्दर सपने अपने
कविता सुन्दर सुन्दर सपने अपने, सुन्दर अपना हिन्दुस्तान है। जहां बहती नदिया झरने, करती दुनिया गुणगान है। सुन्दर सुन्दर – – – – कर्म धर्म…
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो इश्क़ की गहराइयो मैं खुद उतरकर देखो इश्क़ से गहरा समंदर भी नही बस एक बार आज़माकर देखो चंद…
फ़ैशन
फ़ैशन की चरम तो देखो। लोगों की भरम तो देखो। कांच की अलमारी में बंद, ऊँची कीमत बढ़ा रही शान। तार-तार सा हुआ चिथड़ा, टंगा…
हवा
वसंती आयी वसंती आयी देखो देखो वसंती आयी साथ में हरियाली लायी फूलों की महक लायी भौरो को संग लेकर आयी ओंस की बूदो को…
वर्षा ऋतु का सुंदर वर्णन
मनोहर चित्रण
कम शब्दों में प्राकृतिक सौंदर्य का सुंदर वर्णन किया गया है
👍