माखन चोरी मत करना
कान्हा देख आगे से ऐसे माखन चोरी मत करना बता दे रही हूँ कह दूंगी मैया से फिर मत कहना।
कान्हा देख आगे से ऐसे माखन चोरी मत करना बता दे रही हूँ कह दूंगी मैया से फिर मत कहना।
अच्छी कवितायें मत लिखना मेरे दोस्त चंद पैसों में तोले जाओगे जैसे ही आगे बढ़ोगे तमाम तरह की गालियां खाओगे।
कुछ इधर से खाया कुछ उधर से मोटे पेट हो गए रात भर नकली नोट छापे सुबह सेठ हो गए
दूसरे को आगे बढ़ते देख वे ऐसे दुखी हुए रात भर सोये नहीं सुबह सुखी हुए
पढ़ने लिखने में मन लगाकर कुछ आगे बढ़ने की सोच रखो बच्चो कुछ बनने की सोच रखो
देश भक्ति की सरिता बहे देश भक्ति की कविता बहे ऐसी बरसात हो देश भक्ति की बाढ़ हो
प्यारी वर्षा ऋतु में देखो कितनी सुन्दर हरियाली है, नाहा रहे हैं सारे पौधे शाखाएं क्या मतवाली हैं,
वीरों को नमन सैनिकों को नमन जो भी सीमा में प्रहरी तैनात हैं उन सभी को नमन जय हिन्द जय हिन्द
देश की रक्षा पहला धर्म देश की रक्षा पहला कर्म, जुटे देश की रक्षा को, नाम देश का ऊंचा हो.
नाम बदलते रहा मैं चेहरे छुपाता रहा अपनी झूठी पहचान बनाने को पैंतरे बदलता रहा,
तालाब!! तू परेशान मत हो तेरी एक दो मछलियों की फितरत होती ही ऐसी है कि किसी नयी मछली के आने पर मचल उठती हैं…
हम कवियों की श्रेष्ठता का निर्णय जबसे सॉफ्टवेयर करने लगा, तब से हम इतने सुपरफास्ट हो गए, कि एक घंटे में बीस बीस कवितायें लिखने…
गजब संघर्ष सा देखा कवियों के बीच अपनी मौलिकता को छोड़कर होड़ सी करने लगे, नशा इतना किया गहरा कि किसी कवि के विचारों को…
बरसात हो रही है मन झूम रहा है ऐसे ऊँचे ऊँचे पेड़ों की पंत्तियां झूम रही हैं जैसे, रिम झिम छम छम छम छम छम…
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