प्यार के धागे
प्यार के धागों से रिश्तो को सिल रहा हूं
बड़ा हूं फिर भी झुक कर मिल रहा हूं
सुना है प्यार में ताकत बहुत होती है
हर बिगड़े काम आसान बना देती है
उम्मीद है, आज भी सब से मिल रहा हूं
प्यार के धागों से रिश्तो को सिल रहा हूं।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज
बहुत खूब, बहुत शानदार
आभार
वाह, बहुत खूब
आभार
सुंदर वा बेहतरीन शिल्प से सजी रचना
आभार
बहुत खूब, सुन्दर रचना
आभार
सुन्दर रचना
बहुत खूब