प्यार के धागे
प्यार के धागों से रिश्तो को सिल रहा हूं
बड़ा हूं फिर भी झुक कर मिल रहा हूं
सुना है प्यार में ताकत बहुत होती है
हर बिगड़े काम आसान बना देती है
उम्मीद है, आज भी सब से मिल रहा हूं
प्यार के धागों से रिश्तो को सिल रहा हूं।
वीरेंद्र सेन प्रयागराज
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Satish Pandey - December 21, 2020, 10:38 pm
बहुत खूब, बहुत शानदार
Virendra sen - December 22, 2020, 9:47 pm
आभार
Devi Kamla - December 21, 2020, 11:43 pm
वाह, बहुत खूब
Virendra sen - December 22, 2020, 9:47 pm
आभार
Pragya Shukla - December 22, 2020, 12:15 am
सुंदर वा बेहतरीन शिल्प से सजी रचना
Virendra sen - December 22, 2020, 9:47 pm
आभार
Geeta kumari - December 22, 2020, 10:13 am
बहुत खूब, सुन्दर रचना
Virendra sen - December 22, 2020, 9:47 pm
आभार
Sandeep Kala - December 23, 2020, 10:08 pm
सुन्दर रचना
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 24, 2020, 3:10 pm
बहुत खूब