प्रभु शरण
कृत्रिम सजावट जीने में,
आत्मिक सुख
तो नहीं ला पाती है।
आनंद नाद की प्राप्ति तो
प्रभु के चरणों में ही आती है।
जब पा जाते खुद में खुद को
तब एक कड़ी खुल जाती हैं।
सुनो!समझ लो
ये तय हैं,
प्रभु से मिलने की बारी है।
जब नैन तुम्हारे व्याकुल हो!
प्रभु मिलन का नीर समाया हो,।
तब समझो प्रभु ने बाहें फैला,
स्वागत को हाथ बढ़ाया हो।
हर चीज में जब मन व्याकुल हो,
प्रभु ने खाया कि चिंता हो।
तब समझो प्रभु ने जीम लिया,
जिस अन्न का भोग लगाया हो।
जब आंख खुले तो प्रभु दिखे,
मन में जब यही समाया हो।
तब समझो प्रभु ने हाथ पकड़,
चिर निद्रा से तुम्हे जगाया हो।
जब मन हर्षित,
जल नीर नयन
जहां देखो प्रभु समाये हो।
तब समझो
प्रभु ने साज बजा
संग अपने तुम्हे नचाया हो।
आनंद ही आनंद छाया हो,
आनंद ही आनंद छाया हो।
तब समझो प्रभु ने बाहों में तुम्हे
झूला आज झुलाया हो
निमिषा सिंघल
Nice
🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Good
जय हो
🌺🌺
सुन्दर
💐
सही है