प्रेम एक इबादत है
किसी पर आख बंद कर एतवार मत करना
किसी से टूट- टूट कर प्यार मत करना।।
प्यार तो वो है जहाँ खोने का डर नहीं
यह वो इवादत है जहाँ पाने की चाहत नहीं
प्यार के नाम पर, इसका तिज़ारत मत करना
किसी पर आख बंद कर एतवार मत करना ।।
प्यार अहसास है जिसे सिर्फ महसूस करो
किसी नाम में बंधने को न मजबूर करो
इस प्यार को नाम भी मिल जाए तो
फिर चाहतो में टकरार हो जाए तो
यह नेमत्त है, इसे शर्मसार मत करना
किसी पे आख बंद कर एतवार मत करना ।।
प्यार है जो यकीन का समुन्दर बन जाए
तूफा में दूर होके भी संबल बन जाए
लहरों सी मचलने दो, खामोश मत करना
किसी पे आख बंद कर एतवार मत करना ।।
बहुत खूब
सादर आभार
सुन्दर अभिव्यक्ति
सादर आभार
सुन्दर प्रस्तुति
सादर आभार
हृदय स्पर्शी रचना है सुमन जी
सादर आभार