फिकर होंदी है..

जित्थे वेखां ते मेनू तू ही नज़र औंदी है,
के जेया तू ही रूह तू ही जिगर होंदी है..
तेनू सौ रब दी मेनू छड न कदे वी जाणां,
मेनू हर वक्त हूण तां तेरी फिकर होंदी है..

– प्रयाग

मायने :
वेखां – देखूँ
औंदी है – आती है
जेया – जैसे
हूण तां – अब तो

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

नज़र ..

प्रेम  होता  दिलों  से  है फंसती  नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…

Responses

+

New Report

Close