Categories: शेर-ओ-शायरी
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तुमसे हैं सब एहसास मेरे
कभी समय की ठोकर से, यदि हिल जाएँ विश्वास मेरे कभी जो तुमसे कहने को यदि, शब्द नहीं हों पास मेरे कभी तुम्हारी अभिलाषाएं,.. यदि…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
तेरे सिर पर सज के सेहरा…
कुमार विश्वास की कविता:- मांग की सिंदूर रेखा” एक प्रेमी के हृदय की वेदना को तो बखूबी व्यक्त करता है। जब उसकी प्रेमिका का विवाह…
हाँ मुझे है प्यार
क्या मै तुमसे करती हूँ प्यार, हाँ प्यार है, या है इनकार, बङी ही उलझन में पङ गयी हूँ , क्यों तय कर नही पा…
Nice
वाह