बहन की मुराद !!
वो हर कदम साथ देती थी
मेरा,
चाहे जितनी मुसीबतों ने हो घेरा..
हर मन्दिर में मेरी सलामती की
दुआ मांगती थी,
मैं बन जाऊं बड़ा यही मुराद
मांगती थी..
पैरों में जूते भी ना थे,
ना माँ-बाप का साया,
करके चाकरी घर-घर मेरी
बहन मुझे पढ़ाया..
आज बन गया हूँ मैं अफसर,
गाड़ी बंगला है नौकर-चाकर..
पर कोई भी खुशी नहीं है
जिसने देखे थे ये सपने
वो बहना ही दुनिया में
नहीं है..
मेरे सपने पूरे करते-करते,
कोरोना महामारी के चलते..
चली गई वह छोंड़ के दुनिया,
किस काम की है ये सारी खुशियाँ !!
अतिसुंदर भाव अतिसुंदर रचना
Thanks
बहन की सुंदर भावना की ,और उसकी याद में भाई की भावनाओं की अति सुन्दर प्रस्तुति ।
Thanks
आभार दी मेरा भाव समझने के लिए
बस ऐसे ही मुझे हर कदम पर हौसला देती रहिएगा..
बहन कोरोना की चपेट में आकर मर जाती है आज भाई के पास सब कुछ है परन्तु जिस बहन का यह सपना था वह बहन ही ना रही
बहुत ही मार्मिक और हृदय स्पर्शी रचना
अतिसुन्दर
धन्यवाद
मार्मिक अभिव्यक्ति
थैंक्स
हर रिश्ता हमारे लिए खाश होता है
भाई-बहन का रिश्ता हमारे लिए मन के पास होता है
Thanks
बात यह थी कि जिस बहन ने गरीबी झेलकर
खुद चाकरी करके अपने भाई को पढ़ाया लिखाया और बड़ा अफसर बनाने का सपना देखा
जब भाई बड़ा बन गया तो वह बहन ही ना रही तो किस काम की खुशियां रह गईं..