बह्र
बह्र – २१२२ / २१२२ / २१२
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जो हुआ वो सब भुलाना चाहिए ।
रूठे मन को अब मनाना चाहिए।१
बैठ यारों अब यहा महफिल सजें
मयकशी का दौर लाना चाहिए।२
गर शिकायत हो किसी को मगर,
दिल से दिल को जोड़ जाना चाहिए।३
आप आए तो ग़ज़ल का जाम ले,
जश्न अब हमको मनाना चाहिए।४
है खुशी का पल यहां तो चल यारा
मौसिकी का गुरूर दिखाना चाहिए।५
हर तरफ चर्चा तेरा “योगेन्द्र” यहा,
झूमकर गाना बजाना चाहिए।६
::::::::::::::::: योगेन्द्र कुमार निषाद
घरघोड़ा,छ०ग०
Waah
Good
वाह बहुत सुंदर
Nice