गीत

“गीत” :::::::::::: हे!री सखी कैसे भेजूं , प्रिय को प्रणय निवेदन। दूर देश विदेश भय हैं वो मन का मेरे प्रिय साजन। हे! री सखी…

मुक्तक

प्यार का इज़हार होने दीजिए। गुल चमन गुलजार होने दीजिए। खास हो एैसा ही, कोई पल दे दो, वक्त को हम – राज होने दीजिए।…

बह्र

बह्र – २१२२ / २१२२ / २१२ :::::::::::::::::::;::::::::::::::::::::::::: जो हुआ वो सब भुलाना चाहिए । रूठे मन को अब मनाना चाहिए।१ बैठ यारों अब यहा…

तस्वीर

इक तस्वीर है इस दिल के पास। फिर क्यु दिल है उदास – उदास।। माना की तु दुर है सदियों से मगर, तेरी यादे है…

बदलते हुए

चलते हुए कदमो के निशां को बदलते हुए देखा हमने। हर रिस्ते नातों को आज बदलते हुए देखा हमने। जो कभी टूट कर चाहा करती…

कविता

कविता ***************************** ये जीवन सरिता ,तुम युं ही बहते रहना। कल कल कर मधुर नांद सै बहते रहना। गर.. लाख मुस्किलें हो राहो मे पर…

एै रुपसी

भुज पे आई कहा से,एै रूपसी, नेह निश्छल निर्मल लिये प्यारी। स्वरों की हो,शायद तुम जादुगरी। रीझाती उर-उर तुम क्यों हमारी। तितली की सी लगती,होतुम…

दर्द

तेरी यादों का समन्दर कभी सुखता नही। आँखों में खुशी है मगर दर्द मिटता नही। चौमासें सावन सा बरसता गम है सीने में, जुदा-ए-सनम तुम…

एक योषिता

एक योषिता, नाम योगिता मनमोहक – मनहरण है उसकी रूप सुन्दरता। सागर की सी शूतलता, मेघों की सी चंचलता, बागों में इठलाती खेलती तितली सी,…

मुक्तक

मुक्तक दस्तक क्युँ करते हो बार बार, बिहड़ मन उपवन के सुने द्वार। न छेड़ो प्रेमागम की तार को, चुभत है दिल पे इनकी झनकार।

कविता

ऐ चाँदनी रीतें तुम__ युँ ही एैसे ही रहना। टिमटिमातें -जगमगीतें, झिलमिल सपना तुम लाना। हलकी – हलकी, शीतल – शीतल, पुरवाईयों का तुम संग…

कविता

धधकते लावा है मेरे सीने मे, जिसमे सेक रही हो रोटी कई महीने से। क्यॉ अब तक पकी नही ,तेरी तंदुरी, क्यॉ बाकी है अब…

नव वर्ष आई

गुजं उठी चहू दिश नव वर्ष की नव शहनाई। करवट बदलती आसमां पे छाई, नव किरण लै पुरवाई आई। उमंगों भरा उत्सव गीत आज, चहकती…

नया साल

ग़ज़ल कुछ एेसा नया साल हो। अपने आप मे बेमिशाल हो। महगी थी यह वर्ष बीत गई, कुछ सस्ता नया साल हो। कुछ तो यादें…

बेपरवाह

जिन्दगी आज क्यु इस कदर वे-परवां हो गई, थी जो सपने साथ वो भी आज खफा हो गई/   बहारो ने भी रुख बदल लिये अब हमसे, गीत लिखना भी चाहुँ तो कैसे शब्द जुदा हो गई/   अरमॉ मचलते रहे दिल ही दिल मे योगी, सारी उम्र की चाहत आज रफा दफा हो गई/   खुदा से पुछू की यै खुदा ये जिन्दगी क्यु दी, जो साथ थी हमारी वो भी बेवफा हो गई /   योगेन्द्र कुमार निषाद घरघोड़ा जिला-रायगढ़ (छ.ग.) ९४०६२२०६८३

ग़ज़ल

मोहब्बत है गमो की हसिन दांस्ता | इसकी न कोई मंजिल ,न कोई रास्ता || बस सफर-दर-सफर चलते है प्यार में, मगर हाथ न कुछ…

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