भजन
सिर्फ एक बार दर्शन तू दे दो
और कोई भी दिल की तमन्न।नहीं है।
साथ कितना मिला जगत में मुझे।
सारे नातों के दीपक पलक में बुझे।।
मुझे अपनी शरण में तो ले लो
और कोई दिल की तमन्न ।नहीं है।
हर कदम पर मैं ठुकराया गया हूँ।
गैर क्या अपनों से भी रुलाया गया हूँ।।
मुझे अपनी शरण में तो ले लो
और कोई दिल की तमन्न।नहीं है।।
Jai ho
सुन्दर रचना
वाह
Wah
Nice
Wah
Nice