मलाल
मुझे ताउम्र ये मलाल रहेगा
तुम क्यों आये थे
मेरी ज़िन्दगी में
ये सवाल रहेगा
जो सबक सिखा गए तुम
वो बहुत गहरा है
चलो प्यार गहरा न सही
पर उसका हासिल
सुनहरा है
गैरों की नज़र से नहीं
खुद अपनी नज़र से परखा था तुम्हें
मुझे लगा तेरे मेरा संग
कमाल रहेगा
मुझे ताउम्र ये मलाल रहेगा
अब क्या ज़िक्र करे
तुम्हारी मजबूरियों पर
पोर ख़तम हो जाते हैं
उँगलियों पर
गलती से जो
किसी ने भी जाना
मेरा दावा है
तेरे नाम पर
बवाल रहेगा
मुझे ताउम्र ये मलाल रहेगा
लोग कहते हैं ,
हम किसी को तब नहीं भूलते
जब हम भी
उसके दीमाग में
हो गूँजते
किसी का ख्याल रखना
भी कहाँ
तेरी फितरत में है
तू किसी और को फिर
इसी फ़रेब से
बेहाल करेगा
मुझे ताउम्र ये मलाल रहेगा
मुझे ताउम्र ये मलाल रहेगा ….
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - April 29, 2020, 5:09 pm
Nice
Dhruv kumar - April 29, 2020, 5:13 pm
Nyc
Archana Verma - May 3, 2020, 4:57 pm
Thank you
Abhishek kumar - May 8, 2020, 1:42 pm
👏