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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
प्रेम का संदेश दें
अपनी खुशियों पर रहें खुश दूसरों से क्यों भिड़ें, बात छोटी को बड़ी कर पशु सरीखे क्यों लड़ें। जिन्दगी जीनी सभी ने क्यों किसी को…
शायरी संग्रह भाग 3
मेरे इलाही मेरे रक़ीब को सलामत रखना। वो भी रोयेंगे मेरे मह़सर में।।1।। विकास कुमार कमति मेर रक़ीब मेरे माशुक को गुल दे दो।…
पागल पथिक
मैं कहाँ था कहाँ से कहाँ आ गया मैं जंहा था जहां से जंहा खो दिया मंजिल थी मेरी कहि और पर पर में खोया…
चलो थोड़ा जादू करते हैं
चलो थोड़ा जादू करते हैं जनता के दिल को छूती हुई एक कविता लिखते हैं झोपड़ियों में पल रही भूख से टकराते हैं छोटे छोटे…
Nice
sukriya
उम्दा
THANKS
वाह बहुत सुंदर
Umda