मुक्तक

“मुक्तक”

हमने पूछा उनसे क्या दूकानदारी चल रही
अब नकद है या पहले सी उधारी चल रही !
क्या नमक देश का कुछ रंग भी है ला रहा
या कि पहले से भी ज्यादा गद्दारी चल रही !!

कुछ किराये की रकम को आदमी है ठूसते
आदमी की आदमी पर बस सवारी चल रही !
अस्पतालों में चिकित्सक से किया तफ्तीश मैं
मर्ज भी ठीक हो रहा या कि बीमारी चल रही !!

पूछ बैठा शिक्षकों से चल रही शिक्षा भी क्या
बोल बैठे वर्ष भर परीक्षा की तैयारी चल रही !
भात और सब्जी पकाने में ही दिन गुजर रहा
कागजी घोडों को दौडाने बेगारी चल रही !!
उपाध्याय…

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