Categories: मुक्तक
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Kanha tu hi ho hamare palanhare
कान्हा तू ही हो हमारे पालनहारे…. तू ही तो हमारे सहारे, तुम आ जाओ फिर एक बार ओ मुरली वाले, तेरी मुरली की धुन सुने…
मोहन प्यारे
मेरे मोहन प्यारे नंदकिशोर की छवि निराली, मेरे तन मन में बसती नंदकिशोर की प्रतिबिंब। चित चोर मुरली धारी करें मेरे दिल पर सवारी, अद्भुत…
श्याम की मुरली
श्याम ने मुरली बजाई कि घर से गोपियाँ निकली। इधर से गोपियाँ निकली उधर से गोपियाँ निकली श्याम ने मुरली बजाई कि घर से गोपियाँ…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
🥳🥳
Nice
👌👌