मुशायरा 1

मुशायरा महीन अहसासों को बुनता हुआ, अल्फ़ाजों को सहजता हुआ एक ऐसा कारवां है जहां हर शख्स, हर शब्द अपने वजूद को महसूस करता है| यहां कुछ ऐसा ही कारवां बन जाये तो क्या बात हो| इसके लिये आपके सहयोग व योगदान की जरूरत होगी; उम्मीद है यह कारवां बढता ही जायेगा, अहसासों के साथ…आसमां से भी आगे|
आगाज करने वाली पंक्ति:
लफ़्ज कभी खत्म ना हो, बात से बात चले
मैं तेरे साथ चलूं, तू मेरे साथ चले|
मुशायरे का विजेता – Saurabh Singh (84 votes)
आप नीचे कमेंट के स्थान में अपने अल्फ़ाजों को लिख सकते है|
पुरस्कार राशिः ₹ 500 (Paytm)
– मुशायरे में कविता आगाज करने वाली पंक्ति से संबंधित होना चाहिए|
– कविता कम से कम दो पंक्ति की होनी चाहिए|
– विजेता का फैसला कविता को मिले वोट के आधार पर किया जाएगा| अर्थात, जिस कविता पर सबसे ज्यादा वोट होगें, उस कविता का कवि विजेता होगा|
– कविता लिखने और वोटिंग की आखिरी तारीख एक ही होगी – 7 जनवरी 2018
नोटः कविता जल्दी लिखने पर वोट प्राप्त करने का समय अधिक होगा, इसलिए जल्दी ही कविता लिखें और वोट प्राप्त करने के लिए शेयर करें|
लफ्ज कभी खत्म ना हो, बात से बात चले।
मै तेरे साथ चलूं , तू मेरे साथ चले।
खामोश न हो एै मन्जर , पाक इश्क का
बज्म़-ए- इश्क हम, गुगुनाते साथ चले।
गुलिस्ता मे गुल खिलते रहे, मुस्कुराते रहे ,
और वादा-ए-वफा इश्क निभाते साथ चले।
न हो दुरियॉ हम, अल्फाजों मे भी कभी,
निगाहों से निगाहें मेरी ,कब्र तक साथ चले।
जले तो जले लाख जमाना , यै ” योगेन्द्र “,
मै तेरे साथ चलूं , तू मेरे साथ चले।
योगेन्द्र कुमार निषाद
घरघोड़ा (छ.ग.)
डूबना तय है हर किसी का जिस समन्दर में,
काश उसी समन्दर के ऊपर तैर जाऊँ मैं।।
राही (अंजाना) शकुन सक्सेना
उजरे वीराने हो या खिलते गुलशन हो
मुस्कुराते हर जगह, हम साथ साथ चले|
Please vote for me
Ashmita mne apke liye vote kiya
Plz aap bhi opr meri lines pr vote kr do
तसव्वुर में तेरे खोया रहता हूं हर पल
तेरी याद से याद चले, पिघलते जज्बात चले|
अगर हो न पाए तू कभी मेरी
बस यही दुआ है रव से,
अगर उठे तेरी ड़ोली, तो अर्थी मेरी तेरे साथ चले।
लफ्ज कभी खत्म न हो,बात से बात चले
मै तेरे साथ चलु, तू मेरे साथ चले
कोई मिट्टी बता रहा है कोई मुक्ति बता रहा है,
जीवन की इस उलझन को वो छुप के सुलझा रहा है॥
राही (अंजाना)
मुशायरे में सबमिट की गई आपकी कविता आगाज करने वाली पंक्ति से संबधित नहीं है | कृपया आप अपनी कविता को बदलें| आप अपनी कविता बदलने के लिए हमें भेज सकते है
Hello Saavan
I m Saurabh Singh Dharma winner of the Mushyrsa.
I don’t know tht how i will get prize
So i m writing my Gmail id
Gmail id- Sk7515148@gmail.com
Hello Saurabh,
Congratulations!
You received highest votes in recent Mushyaira. Please send your Paytm Contact number, so that we can send your prize money.
Thanks
Team Saavan
जल भी जाऊं अगर मैं तेरे इश्क की तपिश में
उड़ कर मेरी खाक तेरे साथ साथ चले|
हम साथ हों अगर, अच्छा हो,
अकेले उस जहाँ में, कहाँ चले?
ज़िन्दगी वो ही नही है कि दिन हो सदा
हमारी आरज़ू है साथ मेरे रात चले
तेरे बिना कुछ भी नही हूँ ,जानता हूँ
तेरे होने से ही हमारे ख्यालात चले
लफ्ज़ कभी ख़त्म ना हों, बात से बात चले,
मैं तेरे साथ चलूँ, तू मेरे साथ चले,
खामोशी एक पल न हो, मन में छिप कर न एहसास पले,
जब तक चन्दा सूरज चाँद रहें, हम दोनों की भी बात चले।।
राही (अंजाना)
Nice line
Nice lines
Bhut badhiya lucky shab
लफ़्ज कभी खत्म ना हो, बात से बात चले
मैं तेरे साथ चलूं, तू मेरे साथ चले|
परेशान नही रहता मैं मुश्किलातों में,
अपने साथ तो सदा माँ का आशीर्वाद चले ……
मशूहर होना कौन चाहता हैं कम्बख़्त ये अंजान,
बस जब भी चले हर महफ़िल में अपनी बात चले…..
अंजान बेतुका
9990225111
मै बस यही चाहता हू, जितने पल हम साथ गुजारे,
हाथो मे हाथ डाल चले।
अगर मिल न पाए तू मुझे, तो दुआ है रव से,
अगर उठे तेरी ड़ोली, तो अर्थी मेरी तेरे साथ चले ।
लफ्ज कभी खत्म न हो, बात से बात चले
मै तेरे साथ चलु, तू मेरे साथ चले।
सौरभ धर्मा।
लफ्ज कभी खत्म ना हो, बात से बात चले।
मै तेरे साथ चलूं , तू मेरे साथ चले।
सिलसिला कभी ये खत्म ना हो, बस संग यूहीं दिन रात चले ।
मै तेरे साथ चलूं , तू मेरे साथ चले।
सफर लम्बा तय करना है, डालें हाथों में हाथ चले।।
मै तेरे साथ चलूं , तू मेरे साथ चले।
Bhai udit mne apki poem pe vote kiya aap bhi kr do meri poem pr
लफ्ज कभी खत्म ना हो, बात से बात चले।
मै तेरे साथ चलूं , तू मेरे साथ चले।
कहने को क्या बचा है जो कुछ कहूं तुझसे
खामोशी ही बची है अब, यही बस दरम्या चले|
आगाज कुछ ऐसा हो
कि ना फिर अंजाम की बात चले,
लफ्ज कभी खत्म ना हो,बात से बात चले,
मैं तेरे साथ चलूँ, तू मेरे साथ चले।
हो मयस्सर तेरी राहों को, गुलिस्ताँ औ अंजुम,
रंज और गम की,तेरे जीवन से हर रात ढले।
My vote is for राही अंजाना
My vote is for rahi anjana
सावन बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म हैं कवि मित्रो के लिए
Good
jajbab