मुस्कुराहटें
मुस्कुराहटें बेहद कीमती हैं,
रोके ना गवाओं यूं ही।
आंसुओं को छोड़ो..
रोते-रोते भी हंस जाओ कभी।
जिंदगी दुखों का सागर है,
सागर से प्रेम और हंसी के
मोती भी ढूंढ लाओ कभी।
अकेले-अकेले ना जिओ,
कभी तो सबके संग भी
खिल खिलाओ यूहीं।
जिंदगी का क्या है!
आती जाती रहेगी।
प्यार से बिताए पलों की
छाप छोड़ जाओ कभी।
करोड़ों लोग इस संसार में,
जीते हैं सिर्फ अपने लिए।
कभी किसी की हंसी के लिए,
कुछ करके दिखाओ यूं ही।
तुम्हारे जाने के बाद भी संसार ,
तुम्हें कुछ पल याद तो करें!
कुछ ऐसे काम भी कर जाओ,
हंसी बुन जाओ,
कभी.. ।
निमिषा सिंघल
वाह बहुत सुंदर रचना
Thanks dear
Good
💞💞💞💞
⚘
Bahut khoob
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nice
Nyc
Nice