मूल्याकंन

हर कविता को ‘नाइस’, ‘गुड’ कहकर झूठी तारीफ़ कहने की वजाए हम सही मूल्यांकन करे तो बेहतर होगा. तभी हम सब अपनी कविता में कुछ बेहतर कर सकेंगे.
आप लोगों के क्या कहना है?

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Responses

  1. देव साहेब –कविता गीत ग़ज़ल व कहानी बिना अर्थ के हो नहीं सकता। कमजोर कहानी, कविता गीत व ग़ज़ल में भी कोई न कोई
    अर्थ छुपा रहता है। सभी को लिखने की शैली अलग अलग है।

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