मृत्यु : परम सत्य
here is some para frm my long work describing the truth “death”.. hope u all ll like ..
वेदो की वाणी भूल गयी ,ममता माया सब छूट गयी ..
तैयार लगा होने अब तो प्रियतम के घर को जाने को
लो आज चली आई मृत्यु हमको निज गोद उठाने को …
संघर्ष किया था जीवन भर किस किस से लड़ा किस किस को छला
अब तो निज की सुध भी भूली कर सकते है क्या और भला ‘
जीवन भर पथ में कांटे थे जो हमने सबको बाटे थे
सब छल था प्रभु की माया थी , है परम सत्य ये पाने को
लो आज …
मैं शांत पड़ा निश्छलता से पोषित क्यों आज ह्रदय होता
सुख देख कभी मुस्कान भरी ,दुःख देख कभी था मैं रोता
अब हँसना रोना भूल गया बस अंतिम याद है आने को
लो आज ….
जिसको जीवन भर माना था जिसको हमने पहचाना था
जिसको था कहा ये मेरा है ,जिस जिस को कहा बेगाना था
सब आज पराये ही लगते जो अपना है वो आने को
लो आज …
न द्रोण युधिष्ठिर की भाषा न भीष्म पितामह का मंचन ‘
न अर्जुन का वह शोक रहा न द्वेषित है अब कौरव गण
सब शांत पड़े निःशांत पड़े ,उस चाह में जो है होने को ‘
लो आज …
ये वही मृत्यु है प्राणप्रिये जिसने रावण को अपनाया
सम्मान कर्ण का किया प्रिये जो वो न जीवन भर पाया
उस कंस दुस्शाशन के घर पे जो आई थी आलिंगन को ‘
लो आज …
कवि अपनी कविता भूल गया ,योगी उच्छ्वास न ले पाया
छूटा धनु तीर धनुर्धर से ,न भीम गदा लहरा पाया
प्रेमी ही प्रियतम भूल गया ,जब साँस रहेगी जाने को ‘
लो आज …
ये जीवन सुन के शर्म करो क्या तेरा मेरा नाता था
था साथ बहुत तेरा मेरा दस बीस सैकड़ो सालों का
अपना पाया न फिर भी तू ,अब साथ तुम्हारा छूट रहा ,
एक पल में अपना लेगी वो अपने घर को ले जाने को
लो आज …
न होली की है चाह मुझे न दीपो की अभिलाषा है
या क्या होगा अब आगे डर इसका भी मुझे न सताता है
चिंता भूली भय भूल गया तैयार हुई अपनाने को
लो आज …
है अजेय ये कभी न हारी जीत चुकी है दुनिया सारी
रवि भी इसके आगे निर्बल ,धरा से भी बाजी मारी
संगीत नृत्य सब कला ग्रन्थ है क्रोध में ही जल जाने को
लो आज …
..continued
…atr
hats off to u yaar…great..mind-blowing 🙂
bahut bahut shukriya sir.. 🙂
nice one bro!
thanks yar..
Itna bada likha… Still continue….
But awesome
haha.. ha bhai.. dhanyavad ..
disse:I tried taking a look at your blog in my blcerbakry and the design doesnt seem to be right. Might want to check it out on WAP as well as it seems most mobile phone layouts are not working with your web page.
are kaise likhte ho esi kavita???…nice yaar!
hehe.. 🙂 .. wo mujhe bhi ni pta .. thanks fr appreciation ..
09.04.2010 – 08:41 Like Olaf, Daniel, Marco and Cary, I also do Delphi workshops and seminars – I’m about to visit the UK for a 2-day mascretlass, and will go to Sweden on May 31-June 2 (in Göteborg, that should be close).You can also come to my place in The Netherlands if you wish…
great yaar
thanks brother …
bahut bahut dhanyavad S A Sharma sir
Beth- I am so happy that you have joined the Twtvterierse and that you are experiencing your first trending party! Way to go girl!!!! Since I don’t tweet (I am a lame when it comes to technology) I will cheer you and all of the other fans on. I hope you achieve WWtrending soon!
one thing I must say…. U R GREAT POET
Haha … Bahut dhanyavad ..bhai ….aapke appreciation ke liye ..
Good
बहुत खूब