मेरे घर में भी मुझे पहचानने वाला ………..

मेरे घर में भी मुझे पहचानने वाला बस एक शक्स हमेशा रहता है।
जब मैं देखूं उसे वो भी आईने से मुझे बस देखता रहता है।
यहां इस खु़शहाली में अमीरों को नींद बस ठंडी हवा में आती है
लेकिन गरीब यहां का जीवन–भर अपना तन सेंकता रहता है।
किसीको तो प्यारा है अपना इमान अपनी जान से भी ज्यादा
और कोई तो यहां बस चंद पैसों खातिर इसे बेचता रहता है।
अपने ज़ज़्बे के ज़ोर से कर देता है कोई तो हर मुसीबत को धवस्त
लेकिन कोई तो यहां मुसीबत को बस देखते ही घुटने टेकता रहता है।
कोई पैसा कोई बुद्धि तो कोई प्रेम को हर मर्ज़ की दवा मानता है
लेकिन ‘बंदा’ तो सबसे जरूरी–बेहतरीन चीज़ को बस नेकता कहता है।
– कुमार बन्टी
bahut ache
BAHUT BAHUT SHUKRIYAA
Nice
THNXX
वाह
Good