मेरे सवाल ??
- मेरे सवाल ??
- आजकल नींदे गायब है मेरी
- ये रातें इतनी तन्हा क्यूँ है ?
- उम्मीद धुंधली है सब
- मुझसे ख्वाब इतने रुसवा क्यूँ है ?
- लब भूल गये मुस्कुराना जैसे
- नजरिया मेरा रुखा सा क्यूँ है ?
- न ख़ुशी के आंसू , न रोये गम में हम
- आँखों में यूँ सुखा सा क्यूँ है ?
- न मैंने देखा उसे , न कोई वजू है उसका
- फिर उसके होने का अहसास क्यूँ है ?
- जिसे जाना था वो चला गया , ना लौटने का वादा करके
- फिर इंतजार ये उसका खास क्यूँ है ?
- न खोया कुछ मैंने , न उम्मीद बची अब पाने की
- फिर हिज्र से ये हालात क्यूँ है ?
- न हकीक़त है ये , न कोई जवाब है इनका
- फिर मेरे खुद से सवालात क्यूँ है ?
- न है ये मंजिल मेरी , न ये सफ़र मेरा
- फिर मैं इन राहों का मुसाफिर क्यूँ हुआ ?
- न रंज मुझे जमाने से , न जख्म कोई इश्क का
- फिर “सुथार” तू यूँ काफ़िर क्यूँ हुआ ???
- – गुलेश सुथार
nice one
thanq ma”am